भारत का संविधान
भारतीय संविधान का निर्माण करने वाली संविधान सभा का गठन जुलाई, 1946 में किया गया।
संविधान-सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को सम्पन्न हुई और डॉ सच्चिदानंद सिन्हा को सर्वसम्पति से संविधान सभा का अस्थायी अध्यक्ष चुना गया। 11 दिसंबर 1946 की बैठक में डॉ राजेंद्र प्रसाद को सभा का स्थायी अध्यक्ष चुना गया।
13 दिसम्बर, 1946 को जवाहरलाल नेहरू ने उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसे 22 जनवरी, 1947 को संविधान सभा ने अपनी स्वीकृति प्रदान की। डॉ. बी आर आंबेडकर की अध्यक्षता में संविधान सभा की प्रारूप समिति की स्थापना 29 अगस्त 1947 को की गई। अध्यक्ष सहित इसके सदस्यों की कुल संख्या सात थी। डॉ. बी आर आंबेडकर को भारतीय संविधान के जनक के रूप में जाना जाता है।
संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुल 2वर्ष, 11 महीने और 18 दिन लगे। भारतीय संविधान में मूल रूप से 22भाग, 8 अनुसूचियाँ तथा 395 अनुच्छेद थे।
संविधान सभा की अंतिम बैठक 24 जनवरी 1950 को हुई। भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत किया गया 26 तथा जनवरी को पूर्ण रूप से लागू हो गया।
नागरिकता (Citizenship)
भारतीय संविधान के भाग-II के अनुच्छेद 5-11 में नागरिकता संबंधी प्रावधान किए गए हैं। भारतीय संविधान में एकल नागरिकता का प्रावधान किया गया है।
मौलिक अधिकार (Fundamental Right)
भारतीय संविधान के भाग-III में अनुच्छेद 12-35 में मौलिक अधिकारों का वर्णन है। मूल संविधान में 7 मौलिक अधिकार थे, किन्तु 44वें संविधान संशोधन द्वारा सम्पति के अधिकार को विधिक अधिकार बना दिए जाने के बाद वर्तमान में 6 मूल अधिकार हैं।
संसद (Parliament)
भारतीय संसद का गठन राष्ट्रपति, राज्यसभा एवं लोकसभा से मिलकर होता है। भारतीय संविधान के तहत भारत में संसदीय शासन प्रणाली को अपनाया गया है।
राज्यसभा (Rajya Sabha)
राज्यसभा भारतीय संसद का उच्च सदन है। यह स्थायी सदन है जिसे कभी भंग नहीं किया जा सकता है। राज्यसभा में सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 हो सकती है। इसमें 12 सदस्यों का मनोनयन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है। जो साहित्य, विज्ञान या समाज सेवा में विशिष्ट स्थान रखते हैं।
वर्तमान समय में राज्यसभा सदस्यों की संख्या 245 है। राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव राज्य की विधानसभा के सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से होता है। राज्यसभा के निर्वाचन हेतु उम्मीदवार की आयु 30 वर्ष होनी अनिवार्य होती है। भारत का उप-राष्ट्रपति, राज्यसभा का पदेन सभापति होता है।
लोकसभा (Loksabha)
लोकसभा भारतीय संसद का निम्न सदन है। लोकसभा का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 18 में है। वर्तमान में लोकसभा की सदस्य संख्या 545 है।
लोकसभा में सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 निर्धारित है। इसमें 530 सदस्यों का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से राज्य के निर्वाचन क्षेत्रों से होता है तथा 20 सदस्यों का चुनाव केंद्रशासित प्रदेश से होता है तथा 2 सदस्य को भारत का राष्ट्रपति मनोनीत करता है। लोकसभा के सदस्यों के निर्वाचन हेतु आयु 25 वर्ष निर्धारित है इन सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष होता है।
लोकसभा अध्यक्ष लोकसभा का पीठासीन अधिकारी होता है। वर्तमान में सुमित्रा महाजन लोकसभा की अध्यक्ष हैं।
उच्चतम न्यायालय (Supreme Court)
भारत का उच्चतम न्यायालय शीर्ष न्यायालय है, जो दिल्ली में स्थित है। सर्वोच्च न्यायालय मौलिक अधिकारों का संरक्षक होता है। वर्तमान में भारत के उच्चतम न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश सहित कुल न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।
योग्यता वह भारत का नागरिक होना चाहिए। कम-से-कम किसी उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में 5 वर्ष का अनुभव होना चाहिए अथवा किसी उच्च न्यायालय में 10 वर्ष तक अधिवक्ता के कार्य का अनुभव होना चाहिए।
शपथ उच्चतम न्यायालयों के न्यायाधीशों को भारत राष्ट्रपति संविधान के प्रति निष्ठा तथा एकता और अखण्डता बनाए रखने शपथ दिलाता है। कार्यकाल उच्चतम न्यायालय के सभी न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु तक अपने पद को धारण करते हैं। पदच्युति संसद के प्रत्येक सदन द्वारा विशेष प्रक्रिया द्वारा पारित महाभियोग प्रस्ताव के माध्यम से न्यायाधीशों को हटाया जा। उच्च न्यायालय के `न्यायाधीशों को राज्यपाल शपथ दिलाता है।
स्थानीय स्वशासन पंचायती राज
पंचायती राज्य में स्थानीय स्वशासन छोटी इकाई ग्राम पंचायत होती है। राजस्थान भारत का पहला राज्य है, जहाँ पहली बार पंचायती राज व्यवस्था लागू हुई। राज्य चुनाव आयोग, पंचायती राज चुनाव कराता है।